Hudka or Kanshe Ki Thali Jagar | हुड़का और कांश की थाली जागर

Hudka or Kanshe Ki Thali Jagar | हुड़का और कांश की थाली जागर उत्तराखण्ड के कुमाऊं गढ़वाल में देवताओं के आह्वान अपने इष्ट देवताओ की पूजा व अपनी समस्याओ का समाधान ढूंढ़ने के लिए लोग जागर का आयोजन करते है. जिसमे गांव रिश्तेदार व अपने करीबी लोगो को निमंत्रित किया जाता है जागर तीन तरह के वाद्य यंत्रो के साथ लगाई जाती है १. हुड़का और कांश की थाली नन्हा सा बच्चा अपने कोमल हाथो से हुड़क बजाते हुए २. डौंर और कांशे की थाली ३. ढोल,दमाऊ, रणसिंग, भंकोर हुड़का बजने वाला जगरिया या धौंसिया कहलाता है, जगरिया के एक थाली बजने वाला और कुछ ढ़ौंल पुराने वाले ( जगरिया द्वारा कहे गए कथन को लय के साथ पूरा करने वाले ) जागर के आयोजन में भोजन करते सभी लोग इस प्रकार से ईष्ट देवता का बखान किया जाता है उसके साथ घटी घटनाओ को याद दिलाया जाता है जगरिया कथानक् को इस प्रकार से कहता है की वह संगीत बद्ध भी रहे और उसमे वीरर...