स्थाई राजधानी गैरसैंण | RAJDHANI GAIRSAIN

"स्थाई राजधानी गैरसैंण गैर किलै " उत्तराखण्ड अलग राज्य की मांग में स्थाई राजधानी के लिए उत्तराखण्ड के मध्य स्थित गैरसैण (चमोली) को ही चिन्हित किया गया था, किन्तु कुछ अपरिहार्य कारणों के चलते देहरदून को अस्थाई राजधानी बना कर गैरसैंण को विचारधीन रख दिया गया | वर्तमान में कुछ आंदोलन जोर पकड़ने की कोशिश कर रहे है लेकिन यह आंदोलन क्या निष्कर्ष तक पहुँच पाएंगे या फिर SSB गोरिल्ला आंदोलन की तरह सिर्फ चलते ही रहेंगे | गैरसैण पर सभी राजनीतिक दलों ने अपना पक्ष पुरजोर तरीके से कभी नहीं उठाया | बस चुनावी जुमले की तरह सभी अपना सर हिला देते है | पहाड़ की राजधानी पहाड़ न होने के कारण विकाश कार्यों की धीमी गति ने प्रदेश की कमर तोड़ के रखी है| भौगोलिक विशेषता गैरसैंण का नाम स्थानीय भाषा (बोली ) गैर ( भू-भाग का गहरा होना) व सैण ( समतल ) अथवा गहरा व समतल मैदानी भाग होने से ही पड़ा हैं| इसके साथ ही जैसे गैरसैंण के समीपवर्ती भिकियासैंण , चिन्यालीसैंण, थैलीसैंण, भराड़ीसैंण इत्यादि कुमांऊँ व गढ़वाल के द...